| शूर अम्ही सरदार अम्हला काय कुनाची भीती ? देव, देश अन् धर्मापायी प्राण घेतलं हाती ! आईच्या गर्भात उमगली झुंजाराची रीत तलवारीशी लगिन लागलं जडली येडी प्रीत लाख संकटं झेलुन घेइल अशी पहाडी छाती ! झुंजावं वा कटुन मरावं हेच अम्हाला ठावं लढुन मरावं मरुन जगावं हेच अम्हाला ठावं देशापायी सारी इसरू माया ममता नाती ! | ||
| गीत | - | शांता शेळके |
| संगीत | - | आनंदघन |
| स्वर | - | पं. हृदयनाथ मंगेशकर |
| चित्रपट | - | मराठा तितुका मेळवावा (१९६४) |
| राग | - | हंसध्वनी (नादवेध) |
Saturday, February 07, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)

No comments:
Post a Comment