गुलजार नार ही मधुबाला ॥ तनुलतेवर गेंद फुलांचे यौवन ये बहराला ॥ गोड गोड बोलूनी खोडकर ओढ लावि हृदयाला भ्रुधनुवरती सज्ज करोनी नयनांची शरमाला चंचल नयना सहज विंधिते चंचल हृदयाला | ||
गीत | - | विद्याधर गोखले |
संगीत | - | पं. राम मराठे |
स्वर | - | पं. वसंतराव देशपांडे |
नाटक | - | मेघमल्हार (१९६७) |
राग | - | गौड मल्हार (नादवेध) |
Saturday, February 07, 2009
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